69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रकिया मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी.
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी, 2019 को हुई थी. परीक्षा के बाद शिकायत मिलने पर पेपर लीक के संबध में एसटीएफ तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं. इससे व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने की बात साबित होती है. याचिका में यह भी आरोप लगाया कि एसटीएफ सरकार के दबाव में काम कर रही है. इस आधार पर याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा निरस्त करने तथा पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
अदालत में बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस प्रकरण में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह बहस करेंगे अतः मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद तय की जाए. इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख निर्धारित की है.
क्या है पूरा विवाद?
यह विवाद भर्ती एग्जाम के नंबर को लेकर शुरू हुआ था. यूपी सरकार ने एग्जाम पास करने के लिए न्यूनतम अंक निर्धारित किए थे. यूपी सरकार ने रिजर्व कैटेगरी के सदस्यों के लिए कम से कम 60 फीसदी और अन्य श्रेणी के कैंडिडेट्स के लिए 65 फीसदी नंबर लाना अनिवार्य किया था. इसी बात को लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.